
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानून-व्यवस्था के साथ किसानों को भी अपनी प्राथमिकताओं में शामिल रखा है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने किसानों को अधिक आमदनी और ज्यादा उपज दिलाने को लेकर मौसम आधारित कृषि योजना (Agriculture Scheme) का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत यह प्रयास किया जा रहा है कि खेतों में साल के सभी 365 दिन किसान मौसम के अनुसार कोई न कोई फसल जरूर लगा सकें। इससे उन्हें अच्छी आय हो सकेगी।
मौसम के अनुसार कृषि की योजना राज्य के सभी 38 जिलों के किसानों के लिए है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 जिलों में इसकी शुरुआत कर दी। इसके साथ योजना पूरे बिहार में लागे हो गई। शेष आठ जिलों में यह पहले से ही लागू है।
मौसम के अनुसार कृषि योजना के अंतर्गत राज्य में 190 मॉडल गांव तैयार किए जाएंगे। वहां वैज्ञानिक खुद हर मौसम के अनुसार खेती करेंगे। वैज्ञानिक पांच साल तक खुद खेती करेंगे, जिसे बिहार के लाखों किसानों को दिखाया और सिखाया जाएगा। इस वैज्ञानिक खेती को बोरलॉग इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशिया, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय (पूसा), कृषि विश्वविद्यालय (सबौर, भागलपुर) के वैज्ञानिक सफल बनाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया कि जलवायु के अनुकूल कृषि को स्थायी कार्यक्रम के रूप में तैयार करें। फिलहाल पांच साल के लिए इसका आवंटन जरूर है पर यह योजना स्थायी तौर पर काम करे। इससे किसानोंं की खेती की लागत कम होती है और आमदनी अधिक है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के एक अवयव के रूप में है मौसम के अनुकूल कृषि।
पिछले वर्ष प्रायोगिक तौैर पर इसे आठ जिले में शुरू किया गया था और आज यह सूबे के सभी 38 जिलों में शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि पर आधारित है। मौसम के अनुकूल कृषि से उनकी आमदनी बढ़ेगी।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरा विश्व चिंतित है। उसी चिंता को केंद्र में मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को शुरू किया गया है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गंभीरता का परिणाम है।
उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि किसानों के हित में बिहार में किस तरह से काम किया जाए यह सरकार की चिंता में है। जल-जीवन-हरियाली के अवयव के रूप में मौसम के अनुकूल कृषि देश में एक अच्छे मॉडल के रूप में हैैं। सब लोग जलवायु के अनुकूल खेती में लगें।
जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने इस मौके पर कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के निराकरण के लिए ठोस योजना बनी है। हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी गए। मौसम अनुकूल कृषि से किसानों की आय बढ़ेगी। हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की योजना बनायी गयी है। इसके क्रियान्वयन की तैयारी चल रही है। इससे बिहार के किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम का अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में जो योजनाएं चल रहीं उससे उन्हें विश्वास है कि बिहार पूरे देश में इसमें उन्नत राज्य बनेगा। जो कार्ययोजना हैै उसे देख संदेह नहीं लगता। किसानों की समृद्धि के लिए जो योजनाएं चल रही हैैं वह सफल होगी।
कार्यक्रम में उन जिलों के किसानों व अधिकारियों ने भी अपनी बात रखी जहां पूर्व में मौसम के अनुकूल कृषि योजना पर काम शुरू हुआ था। इस मौके पर मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, कृषि विभाग के सचिन एन सरवनन व निदेशक आदेश तितरमारे भी मौैजूद थे।