
रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव होने में अभी लगभग पांच महीने के वक्त बाकी है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। इसके साथ ही सभी पार्टियां अपनी ताकत भी दिखाने में जुट गई हैं। बिहार चुनाव में सफलता पाने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवैसी की निगाहें यूपी विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। ओवैसी पश्चिमी यूपी में अपनी पूरी ताकत झोंक रहें हैं। हाल ही में उन्होने पश्चिमी यूपी के कई जिलों का दौरा किया था।
ओवैसी सूबे की सियासी तापमान को भांपते हुए गठबंधन की बात पर आ गये हैं। हालांकि वो राजभर के साध गठबंधन करने वाले हैं, लेकिन अब वो समाजवादी पार्टी को भी गठबंधन में शामिल करना चाहते हैं। उन्होने शर्त रख दी है कि अगर समाजवादी पार्टी यूपी में गैर भाजपा सरकार बनने पर भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उप मुख्यमंत्री बनाने को तैयार हो तो उनकी पार्टी और मोर्चे का सपा से गठबंधन हो सकता है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने एक समाचार पत्र से बात करते हुए कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार है, मगर इसमें शर्त यह रहेगी कि सरकार बनने पर उप मुख्यमंत्री मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम विधायक को बनाया जाए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अगस्त की शुरुआत में एक बार फिर उत्तर प्रदेश में होंगे।
आपको अगस्त की शुरूआत के अपने इस दौरे में ओवैसी प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और आसपास के अन्य जिलों में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। इसके अलावा इसी दौरान वह बुद्धिजीवियों के अलग-अलग समूहों से भी मिलेंगे। इनमें खासतौर पर मुस्लिम, दलित, व पिछड़े वर्ग के वकील, अधिकारी, डाक्टर,इंजीनियर व अन्य प्रेाफेशनल भी शामिल रहेंगे।
AIMIM के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि यूपी में संगठनात्मक ढांचा खड़ा हो गया है। सभी 75 जिलों में जिला अध्यक्ष बना दिये गये हैं, जिला इकाईयां भी गठित हो चुकी हैं। पार्टी यूपी के इस बार के विधान सभा चुनाव में सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान पहले ही कर चुकी है। आगे उन्होने कहा कि हम तो चाहते हैं कि इस बार यूपी में अगर भाजपा को रोकना है तो सपा-बसपा के साथ हमारा भागीदारी संकल्प मोर्चा मिलकर लड़ें।
उन्होने समींकरण समझाते हुए कहा कि सपा-बसपा-AIMIM के साथ लड़ने से मुसलमानों का 20 प्रतिशत वोट बिखरने से बच जाएगा। मोर्चे के संयोजक ओम प्रकाश राजभर पहले ही कह चुके हैं कि अगर उनके मोर्चे की सरकार बनती है तो प्रदेश में हर साल नया मुख्यमंत्री होगा यानि पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश में पांच मुख्यमंत्री होंगे।
उन्होने कांग्रेस को लेकर कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी या मोर्चे का कोई गठबंधन नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है जो भी इस जहाज पर सवार होता है वह खुद भी डूब जाता है। रही बात आम आदमी पार्टी की तो उसका यूपी में कोई जनाधार नहीं है।