
जातीय जनगणना कराने को लेकर लंबे समय से सभी दलों की बैठक बुलाये जाने की चर्चा के बीच पहली बार इसके लिए कोई तिथि सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना पर चर्चा करने के लिए 27 मई को बैठक रखे जाने को लेकर अनेक दलों से बात हुई है। पर, सभी दलों की इस तिथि पर सहमति नहीं आई है। सभी दलों की सहमति आने के बाद ही बैठक होगी।
मुख्यमंत्री खरीफ महाभियान के शुभारंभ के मौके पर पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमलोग शुरू से ही जातीय जनगणना कराना चाहते हैं। इस बार सभी पार्टियों की बैठक करके और निर्णय लेकर कैबिनेट के माध्यम से इसको स्वीकृत किया जाएगा। इसके बाद बिहार में जातीय जनगणना कराने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यही इसका तरीका है।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर सभी दल के लोगों के साथ चर्चा हो रही है। एक बार बैठक हो जाएगी तो अच्छा होगा। बैठक में सबकी राय ली जायेगी कि कैसे और बेहतर ढंग से जातीय जनगणना बिहार में करायी जाये। सरकार ने भी इसके लिये पूरी तैयारी की है, लेकिन सबकी राय लेने के बाद ही कैबिनेट में इसका प्रस्ताव लाया जाएगा। फिर इस पर काम शुरू किया जाएगा।
मालूम हो कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस विषय पर सीएम से उनके आवास पर जाकर 11 मई को मुलाकात की थी। इसके बाद 16 मई को सीएम ने इस संबंध में कहा था कि जातीय जनगणना ठीक प्रकार से हो उसके लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगाया जाएगा। सभी दलों के सुझाव पर सरकार एक अंतिम नियम बनाकर उस पर आगे काम करेगी। नेता विपक्ष से मुलाकात के बाद सीएम ने कहा था कि तेजस्वी यादव मुझसे मिले थे, उनको भी बता दिया था कि बीच में कई प्रकार की स्थिति थी।